Vatpurnima 2019


 


जैसे वट वृक्ष दीर्घकाल तक अक्षय बना रहता है, उसी प्रकार दीर्घायु, अक्षय सौभाग्य तथा निरन्तर अभ्युदय की प्राप्ति के लिए वट वृक्ष की आराधना की जाती है। इसी वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने मृत पति सत्यवान को पुन: जीवित किया था। तब से यह व्रत वट- सावित्री के नाम से किया जाता है।

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